CTC vs In Hand Salary CTC और In Hand Salary में असली फर्क!

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दोस्तों, जब भी कोई नई नौकरी जॉइन करता है, तो HR बड़ी खुशी से कहता है Congratulations! आपकी Monthly CTC है ₹16,700। ये सुनकर हर कोई खुश हो जाता है कि अब तो अच्छी salary मिलेगी।

लेकिन… जैसे ही पहली salary slip आती है और आप देखते हैं कि आपके account में सिर्फ ₹11,695 आए हैं तो दिमाग में तुरंत सवाल आता है – Salary कम क्यों आई?,  बाकी पैसे कहाँ गए?

तो अगर आप भी अपनी पहली salary देखकर confused हुए हैं, तो tension मत लीजिए क्यूंकि ये blog आपके लिए ही है। आज के इस blog में हम आपको example से step by step बताएंगे कि –

CTC का असली मतलब क्या है और क्यों in hand Salary हमेशा CTC से कम क्यूँ निकलती है।

CTC का असली मतलब

दोस्तों, अब सबसे पहले समझते हैं – CTC का मतलब होता क्या है। CTC का पूरा नाम है Cost To Company। इसका सीधा-सा मतलब है कि कंपनी आपको नौकरी पर रखने के लिए हर महीने कितना पैसा खर्च करती है।

लेकिन एक बात ध्यान रखिए, यह पूरा पैसा आपके हाथ में नहीं आता। कंपनी जो भी खर्च करती है, वह कई हिस्सों में बँटा होता है।

इसे एक उदाहरण से समझते हैं- मान लीजिए, कंपनी कहती है कि वह आपके ऊपर हर महीने 16,700 रुपए खर्च करेगी। यह 16,700 रुपए कैसे बनते हैं? तो देखिए इसे तीन हिस्सों में बांटा जाता  हैं।

  1. ग्रॉस सैलरी (Gross Salary): ये वो  पैसा है जो आपके काम करने के बदले में आपको मिलता है। इसमें आपकी बेसिक सैलरी और दूसरे भत्ते यानि Allowances शामिल होते हैं, जैसे HRA (घर का किराया भत्ता) वगैरह। ये हिस्सा आपके अकाउंट में आता है, लेकिन पूरा नहीं।
  2. कटौतियाँ (Deductions): ये वो पैसा है जो आपकी ग्रॉस सैलरी में से कटता है। इसमें PF (Provident Fund) और ESI (Employee State Insurance) जैसे जरूरी खर्चे शामिल होते हैं। यह पैसा कंपनी आपकी सैलरी से काट कर आपके भविष्य के लिए जमा करती है।
  3. कंपनी का योगदान (Employer Contribution): यह वह पैसा है जो कंपनी अपनी तरफ से आपके लिए देती है। यह भी आपके PF और ESI अकाउंट में जाता है।

तो, आपकी मंथली CTC इन तीनों को मिलाकर बनती है यानी, ₹13,404 ग्रॉस सैलरी + ₹3,296 कंपनी का योगदान = ₹16,700।

देखा आपने? कंपनी ने आपके ऊपर ₹16,700 खर्च किए।  पर आपके हाथ में ग्रॉस सैलरी से Deductions को हटा कर जो हिस्सा बचता है सिर्फ वही मिलता है।

यानी ₹13,404 ग्रॉस सैलरी –  ₹1,709 Deductions = ₹11,695 और इसे ही हम in hand salary या net  सैलरी बोलते है । 

In hand Salary हमेशा CTC से कम निकलती है।

दोस्तों, अब सबसे बड़ा सवाल आता है कि मेहनत तो मैंने पूरी की, फिर salary अधूरी क्यों मिली? अगर CTC ₹16,700 है तो हाथ में सिर्फ ₹11,695 क्यों आते हैं?

तो देखिए असल में इसका बड़ा ही simple सा logic है – CTC सिर्फ आपकी salary नहीं होती, बल्कि कंपनी का total खर्च होता है। जब HR आपको बताता है कि आपकी CTC 3 Lakh या 5 Lakh है, तो उस figure में वो सारे components भी शामिल होते हैं जो आपको तुरंत cash के रूप में नहीं मिलते। जैसे कि 

1. PF (Provident Fund) – आपकी salary का कुछ हिस्सा (जैसे ₹1,608) PF में चला जाता है। PF एक तरह की forced saving है, यानी आपकी future के लिए company आपको बचत करने पर मजबूर करती है। ये पैसा आपके PF खाते में जाता है और future में आपके ही काम आएगा (जैसे retirement, emergency या loan लेने के समय)।

2. ESI / Insurance- अगर आपकी salary एक limit से कम है, तो company आपके लिए ESI (Employees’ State Insurance) काटती है। ये बहुत छोटा amount होता है (जैसे ₹101), लेकिन ये आपके लिए medical help cover करता है। अगर आपको accident हो जाए या कोई बीमारी आ जाए, तो ये insurance आपके लिए काम आता है।

3. Bonus और Benefits- CTC में अक्सर Annual Bonus, Gratuity, Medical Insurance, या Company Contribution to PF शामिल होते हैं। ये हर महीने हाथ में नहीं आते। Bonus साल में एक बार मिलता है, Gratuity job छोड़ते समय मिलती है, और Insurance का फायदा emergency में मिलता है। लेकिन HR इन सबको add करके आपकी CTC को बड़ा दिखाता है।

इसलिए in hand salary हमेशा CTC से कम दिखती है और आपको लगता है कि salary कम मिल रही है, लेकिन reality ये है कि कंपनी आपका पैसा कहीं गायब नहीं कर रही। बल्कि वो आपके future के लिए secure कर रही है। आज आपकी जेब शायद थोड़ी हल्की लगे, लेकिन आने वाले समय में यही deductions आपके लिए बड़ा support बनते हैं। इसे ऐसे समझ लीजिए कि company आपके लिए एक piggy bank भर रही है जो अभी आपके हाथ में नहीं है, लेकिन सही वक्त पर आपको ही काम आएगा।

Freshers के लिए Pro Tips

  1. Offer Letter पढ़ते समय CTC और Net Pay दोनों समझें कई बार HR बड़ी salary बताते है, लेकिन Net Salary या In Hand Salary काफी कम निकलती है।
  2. PF और ESI को loss मत समझिए PF आपका retirement fund है, बाद में एक बड़ी saving बनती है। ESI health emergency में काम आता है।
  3. Bonus और Benefits की अच्छे से clarity लें – कुछ companies सालाना bonus देती हैं, कुछ quarterly और कुछ सिर्फ performance-based।
  4. Always Compare Net Take Home – Job बदलते वक्त सिर्फ CTC मत compare करें, Net Salary या In Hand Salary compare करें।

तो दोस्तों, अब आपको clear हो गया होगा कि CTC का मतलब क्या है, Annual और Monthly CTC में फर्क क्या है और Net Salary या In Hand Salary हमेशा कम क्यों मिलती है।
और हाँ, अगली बार जब आप किसी job interview में जाएँ तो सिर्फ CTC मत पूछिए – confidently बोलिए – ‘Sir, मेरा Net Take Home या In Hand Salary कितना होगा? क्योंकि अब आप salary slip का असली game समझ चुके हैं।

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